मेरा आत्म हो तुम
मेरा सर्वस्व हो तुम
मेरी जिन्दगी का सबसे हसीन पल हो तुम,
फिर तन्हा हो कर, मै आँसु बहाने लगता हुँ
तुम्हे देख कर मुस्कुराने लगता हुँ,
जब मै अकेला होता हुँ, आँखे नम हो जाती हैँ,
तुम हो न हो, तुम्हारी तस्वीर सामने आ जाती है ,
मेरा आत्म हो तुम, मेरा सर्वस्व हो तुम
मेरी जिन्दगी का सबसे हसीन पल हो तुम
मेरा आत्म हो तुम
मेरा सर्वस्व हो तुम
Sunday, February 11, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment