उसको मेरा हल्का सा एहसास तो है
बे-दर्द सही वो मेरी हमराज़ तो है
वो आए ना आए मेरे पास लेकीन
शिद्दत से मुझे उसका इंतेज़र तो है
अभी नही तो क्या हुआ, मील ही जाएगी कभी,
मेरे दिल में उस से मी लने की आस तो है
प्यार की गवाही मेरे आँसुओं से ना माँग,
ब्रस्टी नही आँखें मगर दिल उदास तो है.
Sunday, February 11, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment